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Allama iqbal shayari in hindi

Leave a Comment Cancel reply Comment Name Email Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. सौ सौ उमीदें बंधती है इक इक निगाह पर. Take the first step today. अल्लामा इक़बाल के ये 20 शेर केवल शेर नहीं, ज़िंदगी देखने का नज़रिया हैं.तिरे आज़ाद बंदों की न ये दुनिया न वो दुनिया. Allama Iqbal Shayari: अल्लामा इकबाल, जिन्हें अक्सर मुफ़क्किर-ए-पाकिस्तान पाकिस्तान के विचारक के रूप में जाना जाता है, उर्दू और फ़ारसी साहित्य जगत के सबसे प्रसिद्ध कवियों में से एक हैं।. उनकी iqbla आध्यात्मिकता, दर्शन और पूर्व के प्रति प्रेम को एक साथ पिरोती हैं, जो अस्तित्व संबंधी प्रश्नों, आत्म-खोज और मानवीय क्षमता से गहराई से जुड़ी हुई हैं। इकबाल का काम भौगोलिक और सांस्कृतिक सीमाओं से परे है, जो हर जगह कविता के शौकीनों के साथ गहराई से जुड़ता है। यह पोस्ट हिंदी में कुछ शायरी के टुकड़े पेश करके इकबाल की साहित्यिक प्रतिभा का जश्न मनाती है, पाठकों को उनके दर्शन, ईश्वर के प्रति उनके प्रेम और अपने भीतर छिपी शक्तियों को जगाने के उनके आह्वान की एक झलक प्रदान करती है। नीचे उनके शब्दों की गहन सुंदरता की खोज करें।. खुदी को कर बुलंद इतना, कि हर तक़दीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे, बता तेरी रज़ा क्या है। ये आसमां भी झुकेगा, ये ज़मीन भी झुकेगी, अगर बंदे में रौशनी के चराग जलते ni. अल्लामा इक़बाल की शायरी उर्दू, हिन्दी एवं इग्लिश में उपलब्ध हैं। इनकी शायरी की वीडियो देखें एवं सुने ई-पुस्तक पढें । अल्लामा इक़बाल की टॉप 20 शायरी ; मैं ही तो एक राज़ था सीना-ए-काएनात में ; पर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है ; उस खेत के हर ख़ोशा-ए-गंदुम को जला दो ; तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन ; ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा अल्लामा इक़बाल को “शायर-ए-मशरिक” (पूर्व के कवि)” के रूप में भी जाना जाता था। 9 नवंबर को अल्लामा इक़बाल का जन्म सियालकोट में हुआ था। इकबाल की आरंभिक शिक्षा मकतब में हुई, जिसके बाद उन्होंने एफ़.ए महान शायर अल्लामा इकबाल का जन्म पंजाब, पाकिस्तान में 9 नवंबर को हुअा था। देहांत 21 अप्रैल में हुआ था। इकबाल की रचनाएं उम्मीदों के साथ जिंदगी में हमेशा नए रास्तों की ईजाद करती रहीं। इनकी शायरी में ज्यादातर लोगों को His third child was born dead.

FIRST PUBLISHED : June 3,IST. अल्लामा इक़बाल के ये 20 शेर केवल शेर नहीं, ज़िंदगी देखने का नज़रिया हैं Allama Iqbal Top Shayari Collection - Amar Ujala Kavya - अल्लामा इक़बाल के 10 बड़े शेर यकीन मुहब्बत-ए-हिंदुस्तान पे रखो, नफ़रतों का जमीन पे ना लाव-ओ-दौरा रखो। जिस इक हकीकत ने मुल्कों को किया आबाद, उसी तहज़ीब में अपने इसरा रखो।. तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख.

150+ Allama Iqbal Shayari, Poerty & Quotes | अल्लामा इक़बाल शायरी

Allama Iqbal Shayari55 Best Allama Iqbal Shayari in HindiAllama Iqbal Shayari | 30+ बेस्ट अल्लामा इक़बाल की मशहूर शायरीअल्लामा इक़बाल की शायरी उर्दू, हिन्दी एवं इग्लिश में उपलब्ध हैं। इनकी शायरी की वीडियो देखें एवं सुने ई-पुस्तक पढें । अल्लामा इक़बाल की टॉप 20 शायरी ; मैं ही तो एक राज़ था सीना-ए-काएनात में ; पर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है ; उस खेत के हर ख़ोशा-ए-गंदुम को जला दो ; तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन ; ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा अल्लामा इक़बाल को “शायर-ए-मशरिक” (पूर्व के कवि)” के रूप में भी जाना जाता था। 9 नवंबर को अल्लामा इक़बाल का जन्म सियालकोट में हुआ था। इकबाल की आरंभिक शिक्षा मकतब में हुई, जिसके बाद उन्होंने एफ़.एBest + Allama Iqbal Shayari in Urdu, Hindi & Englishजब-जब किसी शायर ने अपनी क़लम उठाई है, तब-तब ज़िंदगी के किसी न किसी पहलू को शेर के रूप में हमारे सामने पेश किया है। ऐसे ही एक शायर हैं अल्लामा इक़बाल, जिन्होंने सिर्फ़ प्यार ही नहीं, बल्कि जीवन के हर एक भाव को अपने शेर में ढाला है। अल्लामा इकबाल का जन्म पंजाब, पाकिस्तान में 9 नवंबर को हुआ था और उनका देहांत 21 अप्रैल में हुआ था। इकबाल की रचनाएं उम्मीदों के साथ जिंदगी में हमेशा नए रास्तों की ईजाद करती रहीं। उर्दू और फ़ारसी में इनकी शायरी को आधुनिक काल की सर्वश्रेष्ठ शायरी में गिना जाता है। उनके उन्हीं शेर में से कुछ आज हम आपके लिए लेकर आए हैं।. सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा, हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिस्ताँ हमारा।.अल्लामा इक़बाल के 10 बड़े शेर · हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा · फ़क़त निगाह से होता है फ़ैसला दिल का न हो निगाह में शोख़ी तो दिलबरी क्या है · ढूंढ़ता फिरता हूं मैं 'इक़बाल' अपने आप को अल्लामा इक़बाल की शायरी उर्दू, हिन्दी एवं इग्लिश में उपलब्ध हैं। इनकी शायरी की वीडियो देखें एवं सुने ई-पुस्तक पढें । अल्लामा इक़बाल की टॉप 20 शायरी ; मैं ही तो एक राज़ था सीना-ए-काएनात में ; पर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है ; उस खेत के हर ख़ोशा-ए-गंदुम को जला दो ; तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन ; ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा


तेरे इश्क़ की इन्तहा चाहता हूं, पढ़ें अल्लामा इक़बाल की शायरी - News18 हिंदी

लाइफ़ जानिये दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली-NCR में क्या अंतर है, अधिकतर लोगों को ये नहीं मालूम होगा. अल्लामा इक़बाल के मशहूर शेर जो आपको बना देंगे उनका मुरीद 'सारे जहां से अच्‍छा हिंदोस्‍तां' वाले अल्‍लामा इकबाल का 'विलेन' बन जाना सितारों के आगे जहां और भी हैं, अभी इश्क के इम्तिहान और भी हैं. टैग्ज़ : आगही और 1 अन्य. सौदा-गरी नहीं ये इबादत ख़ुदा की है. अल्लामा इक़बाल की शायरी उर्दू, हिन्दी एवं इग्लिश में उपलब्ध हैं। इनकी शायरी की वीडियो देखें एवं सुने ई-पुस्तक पढें । अल्लामा इक़बाल की टॉप 20 शायरी ; मैं ही तो एक राज़ था सीना-ए-काएनात में ; पर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है ; उस खेत के हर ख़ोशा-ए-गंदुम को जला दो ; तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन ; ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा अल्लामा इक़बाल को “शायर-ए-मशरिक” (पूर्व के कवि)” के रूप में भी जाना जाता था। 9 नवंबर को अल्लामा इक़बाल का जन्म सियालकोट में हुआ था। इकबाल की आरंभिक शिक्षा मकतब में हुई, जिसके बाद उन्होंने एफ़.ए By Muslim Life Pro.

टैग्ज़ : इक़बाल डे और 3 अन्य.
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शेयर कीजिए. His written poetry in Urdu and Persian Juban, articles are among the few good articles of the present time.तू शाहीं है परवाज़ है काम तेरा. join rekhta family! aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair.

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सुहानी यादें: अल्लामा इक़बाल के ये हैं 10 मशहूर शेर...Allama IqbalRead famous Poetry of Allama Iqbal | Hindwiअल्लामा इक़बाल की शायरी उर्दू, हिन्दी एवं इग्लिश में उपलब्ध हैं। इनकी शायरी की वीडियो देखें एवं सुने ई-पुस्तक पढें । अल्लामा इक़बाल की टॉप 20 शायरी ; मैं ही तो एक राज़ था सीना-ए-काएनात में ; पर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है ; उस खेत के हर ख़ोशा-ए-गंदुम को जला दो ; तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन ; ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा अल्लामा इक़बाल को “शायर-ए-मशरिक” (पूर्व के कवि)” के रूप में भी जाना जाता था। 9 नवंबर को अल्लामा इक़बाल का जन्म सियालकोट में हुआ था। इकबाल की आरंभिक शिक्षा मकतब में हुई, जिसके बाद उन्होंने एफ़.ए55 Best Allama Iqbal Shayari in Hindiअल्लामा इक़बाल उर्दू भाषा के उन लोकप्रिय शायरों में से थे, जिन्होंने अपनी रचनाओं में आशावाद और उत्साह के रंगों का बखूबी चित्रण किया है। अल्लामा इक़बाल एक ऐसे लोकप्रिय शायर थे, जिनकी शायरियों ने युवाओं को आशावाद का मंत्र दिया है, अल्लामा इक़बाल की रचनाएं आज के दौर में भी प्रासंगिक होकर एक अद्भुत ढंग से समाज को प्रेरित करने का काम करती है। अल्लामा इक़बाल के शेर, शायरी और गजलें विद्यार्थियों को उर्दू साहित्य की खूबसूरती और साहित्य की समझ से परिचित करवाने का काम करती हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से आप कुछ चुनिंदा Allama Iqbal Shayari पढ़ पाएंगे, जो आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का सफल प्रयास करेंगी।. ए स्काच स्कूल स्यालकोट से पास करके B. के लिए गर्वनमेंट कॉलेज लाहौर में दाख़िला लिया। वर्ष ई.अल्लामा इक़बाल को “शायर-ए-मशरिक” (पूर्व के कवि)” के रूप में भी जाना जाता था। 9 नवंबर को अल्लामा इक़बाल का जन्म सियालकोट में हुआ था। इकबाल की आरंभिक शिक्षा मकतब में हुई, जिसके बाद उन्होंने एफ़.ए महान शायर अल्लामा इकबाल का जन्म पंजाब, पाकिस्तान में 9 नवंबर को हुअा था। देहांत 21 अप्रैल में हुआ था। इकबाल की रचनाएं उम्मीदों के साथ जिंदगी में हमेशा नए रास्तों की ईजाद करती रहीं। इनकी शायरी में ज्यादातर लोगों को अल्लामा इक़बाल की शायरी | Allama iqbal shayari in hindi - Hurr. Motivational Shayari Inspirational, Dp Boys Attitude, Attitude Dps, Simple Inspirational Quotes


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भारत में नहीं बेच सकते कम्बल, लगाओ जय श्रीराम का नारा, कश्मीरी फेरीवाले से बदसलूकी.

अल्लामा इक़बाल के ये 20 शेर केवल शेर नहीं, ज़िंदगी देखने का नज़रिया हैं - ScoopWhoop Hindi
नशा पिला के गिराना तो सब को आता है मज़ा तो तब है कि गिरतों को थाम ले साक़ी. अल्लामा इक़बाल की टॉप 20 शायरी / Top 20 poetry of Allama Iqbal तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख. May अल्लामा इक़बाल की शायरी उर्दू, हिन्दी एवं इग्लिश में उपलब्ध हैं। इनकी शायरी की वीडियो देखें एवं सुने ई-पुस्तक पढें । अल्लामा इक़बाल की टॉप 20 शायरी ; मैं ही तो एक राज़ था सीना-ए-काएनात में ; पर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है ; उस खेत के हर ख़ोशा-ए-गंदुम को जला दो ; तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन ; ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा अल्लामा इक़बाल को “शायर-ए-मशरिक” (पूर्व के कवि)” के रूप में भी जाना जाता था। 9 नवंबर को अल्लामा इक़बाल का जन्म सियालकोट में हुआ था। इकबाल की आरंभिक शिक्षा मकतब में हुई, जिसके बाद उन्होंने एफ़.ए फॉलो करें. अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल. जब-जब किसी शायर ने अपनी क़लम उठाई है, तब-तब ज़िंदगी के किसी न किसी पहलू को शेर के रूप में हमारे सामने पेश किया है.

खुदा से दिल का रिश्ता बना रस्मों से अलग, दिलो की प्यास बराबर कभी ना हो बोझ हलक। आंसू की बहारों में बसा वक्त बिताने का सबक, इन्सान को खुद से जीतनी हो हर बाधा हो नेक।. Viral Video: पिंक साड़ी में शमा सिकंदर ने किया डांस; हवा ने उड़ाया पल्लू. मैं ही तो एक राज़ था सीना-ए-काएनात में.

अनोखी वज़्अ' है सारे ज़माने से निराले हैं. गुर्बत में हों अगर हम,रहता है दिल वतन में समझो वहीं हमें भी दिल हो जहां हमारा. Dive in, feel the fire!Celina Jaitly Birthday: 'जानशीन' की थी जबरदस्त एक्टिंग; अब यहां बिखेर रहीं जलवा. हिजबुल्लाह के आगे झुका इजरायल! Born on 9 November Muhammad Iqbal Masoudi was a famous leader, poet, and philosopher of undivided India. His written poetry in Urdu and Persian Juban, articles are among the few good articles of the present time. Allama Iqbal Shayari and poetry are popular among his readers.

अल्लामा इक़बाल की शायरी उर्दू, हिन्दी एवं इग्लिश में उपलब्ध हैं। इनकी शायरी की वीडियो देखें एवं सुने ई-पुस्तक पढें । अल्लामा इक़बाल की टॉप 20 शायरी ; मैं ही तो एक राज़ था सीना-ए-काएनात में ; पर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है ; उस खेत के हर ख़ोशा-ए-गंदुम को जला दो ; तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन ; ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा अल्लामा इक़बाल को “शायर-ए-मशरिक” (पूर्व के कवि)” के रूप में भी जाना जाता था। 9 नवंबर को अल्लामा इक़बाल का जन्म सियालकोट में हुआ था। इकबाल की आरंभिक शिक्षा मकतब में हुई, जिसके बाद उन्होंने एफ़.ए महान शायर अल्लामा इकबाल का जन्म पंजाब, पाकिस्तान में 9 नवंबर को हुअा था। देहांत 21 अप्रैल में हुआ था। इकबाल की रचनाएं उम्मीदों के साथ जिंदगी में हमेशा नए रास्तों की ईजाद करती रहीं। इनकी शायरी में ज्यादातर लोगों को

न समझे थे कि जिंदगी है एक इम्तिहान, ख्वाबों में खोजते रहे इरम का मकान। जो झुका सका नहीं वक्त का तूफान, वही तो है खुदी का सच्चा पैगाम।. अल्लामा इक़बाल के 10 बड़े शेर अल्लामा इक़बाल का कलाम | सूफ़ीनामा संपूर्ण परिचय संस्मरण 1 संपूर्ण परिचय संस्मरण 1. अंधेरों में छुपा था जिस दर्द की पहचान, रोशनी में बदली शामों का वो आकार। चमक है दिलों में मोहब्बत के हर लम्हे में, खुद बाजारों में दिखे, ये खुदा की रहमत।. Also read: Rahat Indori Shayari.

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Allama Iqbal Poetry: 'न हो निगाह में शोख़ी तो दिलबरी क्या है', अल्लामा इकबाल के चुनिंदा शेरBest 100+ Allama Iqbal Shayari in Urdu, Hindi & EnglishAllama Iqbal Hindi Shayari Allama Iqbal ke urdu ke mashhoor sherअल्लामा इक़बाल की शायरी उर्दू, हिन्दी एवं इग्लिश में उपलब्ध हैं। इनकी शायरी की वीडियो देखें एवं सुने ई-पुस्तक पढें । अल्लामा इक़बाल की टॉप 20 शायरी ; मैं ही तो एक राज़ था सीना-ए-काएनात में ; पर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है ; उस खेत के हर ख़ोशा-ए-गंदुम को जला दो ; तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन ; ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा अल्लामा इक़बाल को “शायर-ए-मशरिक” (पूर्व के कवि)” के रूप में भी जाना जाता था। 9 नवंबर को अल्लामा इक़बाल का जन्म सियालकोट में हुआ था। इकबाल की आरंभिक शिक्षा मकतब में हुई, जिसके बाद उन्होंने एफ़.एअल्लामा इक़बाल की शायरी | रेख़्ताAllama Iqbal Shayari: अल्लामा इकबाल 20वीं सदी के सबसे मशहूर शायरों में से एक हैं। अपनी विचारोत्तेजक कविता और अपने समय के बौद्धिक और राजनीतिक प्रवचन में उनके योगदान के लिए जाने जाने वाले इकबाल के शब्द आज भी पाठकों के बीच गूंजते रहते हैं। उनकी कविता, जो फारसी और उर्दू दोनों परंपराओं से आती है, प्रेम, आध्यात्मिकता, सामाजिक hndi और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष सहित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को shayai करती है।. This article presents a collection of Allama Iqbal Shayaris accompanied by images that beautifully capture the essence of his words. Each Shayari in this collection has been carefully selected for its beauty, depth, and relevance to contemporary life.Read Below · मोहब्बत ही नहीं मुक़द्दर की भी ज़रूरत है जो मिलना चाहे उसे मिल जाता है कोई। Allama Iqbal shayari · इकबाल से तर बदलते रहेंगे नए मौसम आते रहेंगे, जख़्म भरते रहेंगे। · मोहब्बत ही अल्लामा इक़बाल के ये 20 शेर केवल शेर नहीं, ज़िंदगी देखने का नज़रिया हैं जब-जब किसी शायर ने अपनी क़लम उठाई है, तब-तब ज़िंदगी के किसी न किसी पहलू को शेर के रूप में हमारे सामने पेश किया है. ऐसे ही एक शायर अल्लामा इकबाल शायरी, इकबाल की शायरी और ग़ज़ल उन लोगों के बीच लोकप्रिय है जो अच्छी हिंदी शायरी पढ़ना पसंद करते हैं। आप 2 और 4 पंक्तियों की शायरी पढ़ सकते हैं और अल्लामा इकबाल की शायरी की तस्वीरें डाउनलोड कर सकते हैं और इसे आसानी


कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-जमां हमारा. + Allama Iqbal Shayari, Poerty & Quotes | अल्लामा इक़बाल शायरी Allama Iqbal Shayari : अल्लामा इक़बाल के चुनिंदा शेर, शायरी और गजल जफा जो इश्क में होती है वह जफा ही नहीं, सितम न हो तो मुहब्बत में कुछ मजा ही नहीं।. तू खुद को बना ले उस आसमां जैसा, हर ख्वाब तेरा हो धरती पर दिखने लायक ऐसा। साहिल पे आकर तो कितने गुल बने हैं, मगर सच्चा इंसान वही जो समंदर बने है।.

अल्लामा इक़बाल की शायरी उर्दू, हिन्दी एवं इग्लिश में उपलब्ध हैं। इनकी शायरी की वीडियो देखें एवं सुने ई-पुस्तक पढें । अल्लामा इक़बाल की टॉप 20 शायरी ; मैं ही तो एक राज़ था सीना-ए-काएनात में ; पर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है ; उस खेत के हर ख़ोशा-ए-गंदुम को जला दो ; तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन ; ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा अल्लामा इक़बाल को “शायर-ए-मशरिक” (पूर्व के कवि)” के रूप में भी जाना जाता था। 9 नवंबर को अल्लामा इक़बाल का जन्म सियालकोट में हुआ था। इकबाल की आरंभिक शिक्षा मकतब में हुई, जिसके बाद उन्होंने एफ़.ए जो थे तो मुहम्मद इकबाल मगर समय के साथ उनका कद बढ़ता चला गया और वे सर डॉ. सितारों से आगे जहाँ और भी हैं अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं. न समझे थे कि जिंदगी है एक इम्तिहान, ख्वाबों में खोजते रहे इरम का मकान। जो झुका सका नहीं वक्त का तूफान, वही तो है खुदी का सच्चा पैगाम।.

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